कांग्रेस के नाम पर विपक्षी एकता की बैठक में नीतीश के सामने उठी चुनौतियों की जानकारी

Posted by: Videh News| Updated Date: Wed, Jun 21, 2023, 8:39 AM IST
कांग्रेस के नाम पर विपक्षी एकता की बैठक में नीतीश के सामने उठी चुनौतियों की जानकारी

नीतीश कुमार वर्तमान केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी नेता बनने का निर्णय नहीं लिया हो सकता, लेकिन उन्हें उस स्थिति में पाया गया है। विपक्षी नेता होना चुनौतियों का सामना करने और कभी-कभी बीमार होना भी होता है। नीतीश कुमार अब एक समान स्थिति में हैं, जिसके कारण उन्हें अप्रत्याशित परिस्थितियों के चलते बैठकों और यात्रा योजनाओं को रद्द करना पड़ रहा है। विपक्षी दलों को अपने नेताओं को संभालने और वर्तमान सरकार के खिलाफ एक संयुक्त मुख प्रस्तुत करने में कठिनाई का सामना करना होगा।

लालू प्रसाद ममता को मैनेज करेंगे

ममता बनर्जी विपक्षी एकता के लिए पटना की 23 जून को होने वाली बैठक में शामिल होंगी। लेकिन इस बैठक में ममता को मैनेज करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद को उठानी पड़ रही है। इसके अलावा, कांग्रेस को मैनेज करने में भी लालू की अहम भूमिका रही है। विपक्षी दलों की इस बैठक से पहले कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में अपनी पार्टी के लोगों से भी मिलेंगे।

लालू और ममता की मुलाकात के दौरान नीतीश भी उपस्थित हो सकते हैं। मुलाकात का एजेंडा ही है कि तृणमूल के साथ जैसा भी रिश्ता हो, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होकर खड़े रहें।

विपक्षी दलों की बैठक में आवाज उठाने की चर्चा

अभी हाल ही में विपक्षी दलों की कुछ बैठकों में तनाव देखा गया है। कुछ दलों की बैठक रद्द भी हुई है। इस बीच, कुछ दलों में आवाज उठाने की चर्चा भी हो रही है। विपक्षी दलों को एक मुख्य आवाज बनाने के लिए उन्हें संगठित होने की जरूरत है।

लालू प्रसाद और ममता बनर्जी निर्देशकों के रूप में शामिल

लालू प्रसाद और ममता बनर्जी विपक्षी दलों को संगठित करने में मदद करने के लिए निर्देशकों के रूप में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने अपने समर्थकों को विपक्षी दलों के साथ एकजुट होने की अपील भी की है। यह सहयोग विपक्षी दलों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।

स्टालिन और तेजस्वी यादव के बीच संबंध बनाए रखने की चर्चा

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन और तेजस्वी यादव के बीच संबंध बनाए रखने की चर्चा भी हो रही है। यह संबंध विपक्षी दलों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। यदि इन दोनों नेताओं के बीच संबंध बने रहते हैं, तो विपक्षी दलों के लिए अधिक संभावनाएं हो सकती हैं।