
हेमंत सोरेन, झारखंड के मुख्यमंत्री ने बुधवार को एक घोषणा की है कि उनकी सरकार 300 करोड़ रुपये की लागत से रांची में एक कौशल विकास कॉलेज स्थापित करेगी। उन्होंने एक समारोह में उभरते हुए कहा कि आईटीआई कौशल विकास कॉलेज के लगभग 500 छात्रों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि झारखंड सबसे पिछड़ा राज्य माना जाता है, लेकिन उनकी सरकार न केवल युवाओं को कौशलवान बनाने में प्रतिबद्ध है, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में भी संकल्पित है।
सरकार का प्रमुख ध्यान राज्य के युवाओं के कुशल बनाने पर है
सीएम सोरेन ने बताया कि वर्तमान में टेक्नोलॉजी का युग है और मशीनें दैनिक जीवन और कारखानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में आपका कुशल होना अत्यंत आवश्यक है। सरकार का प्रमुख ध्यान राज्य के युवाओं के कुशल बनाने पर है और इसी के तहत 300 करोड़ रुपये की लागत से रांची में एक कौशल विकास कॉलेज स्थापित किया जाएगा।
सोरेन ने बताया कि उनकी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रयास कर रही है, खासकर आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यकों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाएं लागू की जा रही हैं और उनके परिणाम साफ दिख रहे हैं। उन्होंने इसके अलावा बताया कि सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए भी सतत प्रयास किए हैं।
शिक्षित ग्रामीण युवाओं को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
सीएम सोरेन ने बताया कि शिक्षित ग्रामीण युवाओं को पंचायत स्तर पर दवा दुकानें संचालित करने का लाइसेंस दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए एक मेडिकल सर्किट बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इसके तहत दवा दुकान संचालक डॉक्टरों को ऑनलाइन जोड़ा जाएगा ताकि आपात स्थिति में वे विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह लेकर मरीजों को दवाएं दे सकें।
सोरेन ने बताया कि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और अपोलो ग्रुप ने स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश करने की इच्छा व्यक्त की है, जिसमें मेडिकल कॉलेज और अस्पताल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि अब लड़के भी नर्सिंग कोर्स कर सकेंगे और उसकी संबंधित प्रक्रियाएं जल्द पूरी की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही बताया कि सरकार ने पहले ही निजी क्षेत्र में 40,000 रुपये तक के मासिक वेतन वाली 75 प्रतिशत नौकरियों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्ष