
बिजली कंपनी स्मार्ट प्री-पेड मीटर्स की स्थापना कार्य में सफलतापूर्वक जारी है, जिससे कंपनी को राजस्व वसूली की चिंता से राहत मिल रही है। बकाया बिजली बिल के झंझट को खत्म किया जा रहा है। दूसरी तरफ, बिजली उपभोक्ताओं को अपने खाते को रीचार्ज करवाने में परेशानी हो रही है। अधिकांश लोग बिजली कनेक्शन कटने के बाद मीटर को बहाल करवा रहे हैं, लेकिन वह तुरंत बैलेंस में जुड़ नहीं रहा है। इस कारण भीषण गर्मी के बीच बिजली के बिना रहना पड़ रहा है। यह स्थिति स्मार्ट मीटर के नेटवर्क समस्या से उत्पन्न हो रही है। नेटवर्क समस्या के कारण मीटर का संचार संभव नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण रोज़ का अकाउंट अपडेट नहीं हो पा रहा है। इसके पश्चात अचानक बैलेंस माइनस में चला जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
स्मार्ट मीटरों के नेटवर्क में समस्याएं हो रही हैं
विभिन्न: बिजली कंपनी द्वारा आयोजित किए गए कदम, बिजली उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे हैं। रोज़ अपडेट नहीं होने के कारण उपभोक्ताओं को बिजली खपत की जानकारी प्राप्त नहीं हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, उपभोक्ताओं के बैलेंस में अचानक माइनस दिख रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए शिकायत प्रक्रिया शुरू की जाती है, लेकिन बिजली कंपनी के कार्यालय में लंबी प्रतिक्रिया समय लग रहा है। कुछ स्थानों पर स्मार्ट मीटरों के नेटवर्क में समस्याएं हो रही हैं, जिसके कारण मीटर रिचार्ज नहीं हो पा रहे हैं और उपभोक्ताओं को संशय हो रहा है कि कहीं बिजली के बिना रहना पड़ जाए। इस परिस्थिति में बिजली कंपनी को समस्या के समाधान के लिए कार्यवाही करनी चाहिए और उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
नेटवर्क समस्याओं को हल करने के लिए उनकी टीम निरंतर प्रयास कर रही है।
विकास कुमार सिंह, जीनस पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर, ने बताया है कि स्मार्ट मीटरों में नेटवर्क समस्याओं को हल करने के लिए उनकी टीम निरंतर प्रयास कर रही है। वे गेटवे लगा रहे हैं ताकि शिकायतों का समाधान किया जा सके और प्रभावित क्षेत्रों में मीटर की जांच की जा रही है। साथ ही, वे राउटर इंस्टॉल कर रहे हैं ताकि मीटर के नेटवर्क कनेक्टिविटी में सुधार हो सके। इन मीटरों का उपयोग रेडियो फ्रीक्वेंसी पर आधारित होता है।