
पटना एयरपोर्ट पर पैरेलल टैक्सी ट्रैक का निर्माण अब दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना की शुरुआत जनवरी महीने में हुई थी और इसका पूरा होने का लक्ष्य जुलाई तक था। लेकिन आवंटित जमीन पर कुछ बाधाएं आने के कारण इस परियोजना का काम लगभग तीन महीने तक रुका रहा। इसके अलावा, टैक्सी ट्रैक के मार्ग में आ रहे बीएमपी स्कूल को हटाने का काम अभी बाकी है, जिसमें कम से कम एक महीना लगेगा। इस प्रकार, पैरेलल टैक्सी ट्रैक का निर्माण दिसंबर से पहले पूरा होने की संभावना कम है।
64 फीसदी काम पूरा हुआ, टाइमलाइन के मुताबिक इसका 90 फीसदी काम पूरा हो जाना चाहिए
पैरेलल टैक्सी ट्रैक की कुल लंबाई 1389 मीटर है, लेकिन अभी तक केवल 900 मीटर का ट्रैक तैयार हो पाया है। इसका मतलब है कि अभी तक केवल 64 फीसदी काम पूरा हुआ है, जबकि टाइमलाइन के मुताबिक इसका 90 फीसदी काम पूरा हो जाना चाहिए था। इसकी मुख्य देरी का कारण फुलवारी जेल के समीप निर्माणाधीन ट्रांसपोर्ट परिसर की जमीन का हिस्सा था, जिसे एयरपोर्ट ऑथॉरिटी को हस्तांतरित किया गया था। इसके परिणामस्वरूप, उस भूमि के निर्माण से जुड़े मजदूरों का हटाने में लगभग तीन महीने का समय लग गया और पूरी परियोजना में देरी हो गई।
लैंडिंग के एक डेढ़ मिनट के बाद ही रनवे पूरी तरह खाली
वर्तमान में पटना एयरपोर्ट पर, विमानों की लैंडिंग के बाद वे रनवे से ही निकलकर टैक्सी ट्रैक पर आते हैं। इस कारण, विमानों की लैंडिंग के बाद रनवे के बारे में दो से तीन मिनट तक अवरुद्ध रहता है और चार से पांच मिनट के अंतराल पर ही एक दूसरे विमान की लैंडिंग होती है। हालांकि, पैरेलल टैक्सी ट्रैक के निर्माण के बाद, विमान रनवे पर उतरने के बाद उसके अंतिम सिरे से विमान टैक्सी ट्रैक के बीच से गुजरेगा, बजाय टैक्सी ट्रैक के सिरे को पकड़ने के लिए। इससे, लैंडिंग के एक डेढ़ मिनट के बाद ही रनवे पूरी तरह खाली हो जाता है और हर 2-3 मिनट पर विमान उतर सकते हैं।
प्रतिदिन हर दो-तीन मिनट में विमानों की लैंडिंग संभव हो सके।
पटना एयरपोर्ट पर वर्तमान में एक महत्वपूर्ण परियोजना चल रही है, जिसमें 1216 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है और 80 लाख यात्रियों की क्षमता वाला विशाल टर्मिनल भवन निर्मित किया जा रहा है। इस नए टर्मिनल भवन के निर्माण के बाद, पटना से आने-जाने वाले उड़ानों की संख्या 100 जोड़ी से अधिक हो जाएगी। इसके लिए, 10 पार्किंग स्थान और पांच एयरोब्रिज भी निर्मित किए जा रहे हैं ताकि इस अधिक यात्रा दायित्व को संभालने के लिए पर्याप्त स्थान हो सके। इसके साथ ही, रनवे की क्षमता का विस्तार भी किया जा रहा है ताकि प्रतिदिन हर दो-तीन मिनट में विमानों की लैंडिंग संभव हो सके। इसी कारण से पैरेलल टैक्सी ट्रैक का निर्माण भी किया जा रहा है।